मलद्वार या गुदा बाहर आना - Rectal Prolapse

Unani By Dr. Shabistan Fatma Taiyabi


मलद्वार या गुदा बाहर आना - Rectal Prolapse 

 

मलद्वार बाहर आना या गुदा का बाहर आना वैसी चिकित्सीय हालत है, जिसमें मलाशय (Rectum) का कुछ हिस्सा गुदा के माध्यम से बाहर निकल आता है। ये यूनानी चिकित्सा पद्धति में मर्ज वजअ है। मलाशय बड़ी आंत का आखरी हिस्सा है और गुदा वह जगह है, जहां से मल शरीर से बाहर निकलता है।

 

मलद्वार बाहर आने की समस्या 1 लाख में से केवल 2.5 लोगों को प्रभावित करती है।   50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में पुरुषों की तुलना इस बीमारी के होने का खतरा 6 गुना अधिक होता है। बच्चे जिसे अधिक समय तक दस्त/ पेचिस/ कब्ज हो में हो सकता है। बूढ़े व्यक्ति में या कब्ज के मरीज/ बावाशीर के मरीज/ जिन्हे मल द्वार का सर्जरी हुआ हो, उन्हें मलद्वार के बाहर आने का खतरा ज्यादा होता है।

मलद्वार बाहर आने की समस्या हल्के से लेकर गंभीर लक्षणों वाली हो सकती है। ज्यादा तर मामलों में ये समस्या यूनानी चिकित्सा से ठीक हो जाता है परंतु गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

गुदा बाहर आने के लक्षण:

गुदा या मलद्वार बाहर आना के लक्षणों में गुदा से बाहर एक उभार या लाल रंग के मांस का टुकड़ा दिखता है। मरीज को महसूस होता है की कोई मांस का टुकड़ा मल द्वार से लटक रहा है, जिसे हांथ से महसूस किया जा सकता है। प्रारंभ में, यह मलद्वार मल त्याग के दौरान या बाद में दिखाई दे सकता है। प्रारंभ  में यह अपने आप अंदर चला जाता है या फिर हाथ से इसे सावधानीपूर्वक वापस अंदर की ओर ढकेला जा सकता है। गंभीर हालत में इसे हांथ/ अंगुली से भी अंदर नहीं किया जा सकता है।

मलद्वार बाहर आना के अन्य लक्षणों में गुदा और मलाशय में दर्द और मलाशय के अंदरूनी परत से ब्लीडिंग हो हो सकता है। सही इलाज नहीं होने की हालत में यह जानलेवा हो सकता है। गंभीर लक्षण के तौर पर अनियंत्रित मल त्याग की समस्या हो सकता है। इसमें गुदा से बलगम, खून या मल अपने आप आने लगता है।

सामान्य शारीरिक गतिविधि करने के दौरान जैसे चलना, बैठना और व्यायाम करने से भी गुदा से मलाशय का कुछ हिस्सा बाहर आ सकता है।

गुदा / मलद्वार  बाहर आने का कारण:

मुजमिन दस्त या कब्ज की समस्या। मल त्याग करने के लिए अधिक जोर लगाना, वृद्धावस्था, गुदा या कूल्हे वाले हिस्से में कभी चोट लगी हो। मांसपेशियों को कसनेऔर उन्हें ढीला करने वाली

तंत्रिका को नुकसान पहुंचना।

जांच (Investigations):

  1. मलाशय का चिकित्सीय निरीक्षण
  2. इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी)
  3. एनल मैनोमेट्री 
  4. प्यूडेंडल नर्व टर्मिनल मोटर लैेंटेंसी टेस्ट 
  5. कोलोनोस्कोपी 
  6. एमआरआई 

मलद्वार बाहर आने का इलाज -

  1. मुख्य कारण जैसे कब्ज का निदान करें।
  2. अगर मलद्वार बहार आ गया है और अंगुली से अंदर नहीं जा रहा है तो मरीज़ को खड़ा कर के पेट से नीचे फ्रीज के ठंडा पानी से धोएं जिस से पेट कि मांसपेशियों में खिचावॉन होगा और मलद्वार अंदर चला जाए गा।
  3. मलद्वार को ताकत देने के लिए माजू, पोस्त अनार (अनार का छिलका) और फिटकिरी को पानी में खौला कर, ठंडा कर के छान लें, ठंढा कर के हर बार सौच् के बाद इसी पानी से धोएं (दिन में तीन बार) मलद्वार को धोएं।
  4. किसी यूनानी चिकित्सक से परामर्श लें।
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