WriteUps By Dr VIKAS DUTT SHARMA
आयुष विभाग भारत सरकार द्वारा संचालित एक ऐसा विभाग है। जिसके अंतर्गत निम्न लिखित
नेचरोपैथी, योग, कर्मकांड , sidhaa यूनानी चिकित्सा विज्ञान और तकनीक कि भरमार है।
एक प्रशन है जिसने मुझे शोध करने पर विचार करना मजबूर किया है और जब यह शोध सिद्ध किया तब मैं यह प्रमाणित करता हूं की आप सभी आयुष चिकित्सा विज्ञान के चमत्कार को नमस्कार करे । इस प्रयोग से आप 170/100 चल रहे रक्त चाप को मात्र 7 से 10। मिनट में 130/80 ला सकते है।
यह शोध प्रमाणित सिद्ध होता है जो की मात्र जल चिकित्सा विज्ञान से संभव है।
जिसके अंतर्गत मैं आपको अपनी किताब जल चिकित्सा विज्ञान मे अवश्य लिख रहा हूं।
आपका हार्दिक आभार प्रकट करते हुए यही कहूंगा कि हमारे जीवन जीने की कला और संस्कृति और सभ्यता को यदि आप देखेंगे तो आपको वेद पुराण कथाओ में बहुत बहुत कुछ नई ना होते हुए भी हर प्रकार के उपचार मिल जायेगे जो एलोपैथ के प्रकट होने से भी ज्यादा पुराने समय से है परन्तू कालान्तर में लुप्त भी हुए हैं। जिनको आप जान कर सिर्फ पानी या मिट्टी से या अग्नि से सूर्य से योग से ही सही कर सकते है । Crona जैसी माहामारी हमारे पास उपलब्ध जड़ी बूटियों और दवाओं से तेज प्रभावित नही हैं । मैने कहा क्रोना, डेल्टा ,और ओमिक्रोन। पर दुनिया रिसर्च कर रही हैं। वैक्सीन बना। रही है। परंतु वैक्सीन तो टायफॉइड की हर बच्चे को लगती हैं। लेकिन 5 वर्ष के दौरान बूस्टर भी लगाया जाता हैं ?पर फिर भी हमारे देश के बच्चे आज भी टायफॉयड से लड़ रहे वही निमोनिया निमिनिटीज इत्यादि रोग उनको क्यों हो रहे है। यह एक ईमानदार सवाल है ?
1 क्या किसी को बेकसिन दी ही नहीं गई और लोग बैच कर खा गए ?
2 क्या वैक्सीन कारगर साबित नहीं हो रहे है और लोगों को आज छाती के रोगों से मुक्ति नहीं मिल रही हैं।इन सवालों के जवाब का इंतजार मुझे रहेगा ।आपका हार्दिक धन्यवाद